Poem On Shri Narendra Modi

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Shri Narendra Modi

अभिनन्दन
महा मानवका रुप लेकर, मोदी जी ने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


भारत माँ के सिरताज तुम, पावन गंगा कहती है।
राजनीति का सच्चा सेवक, कहती गंगा बहती है।।


समदर्शी तुम अन्तर्यामी, हमें जगाने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


फूल-फूल से बनती माला, फूलों के तुम हो माली।
देव मंदिर में पूजा होती, पूजी जाती दुर्गा काली।।


एकता प्रतीक होती माला, बिगुल बजाने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


व्यभिचारों की दौड लगी है,सदा अरक्षित मानवता
दुराचारों के आगे-आगे, छलक रही है दानवता।।


दानवता को दूर भगाकर, मानवता लाने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


उत्पीडनका नंगा नाटक, हे सपूत न होने देना।
पावन माँ का हो न शोषण, उसे कभी न रोने देना।

सत्य अहिंसा के तुम साधक, ज्योति जलाने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


कमल खिला जो माँ का आँचल, सत्य सनातन खिला रहे।
गौरव मान जो मिला तुम्हें, सदा अमानत मिला रहे।
वीर शहिदों की यादों में, सुमन चढाने आया है।
धन्य हमारी भारत माँ जो, नगमा ऐसा पाया है।।


Written by my Grandfather Shri नरेश ठाकुर for our Honourable Prime minister Shri Narendra Modi

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